nikita rajpoot poetry

Background Image: Akshit Kalyan

अच्छा सुनो!
एक बात बताओ;
यूं बिखरा-बिखरा सा लगता है तुम्हारा जीवन,
सुकून में तो हो?
जीवन में शांति तो है?

हाँ, शांति तो है
मतलब कि अधिकतर
हर अशांत क्षणों में भी
आस जगाए रहता हूँ
कोई भी बात मेरे मन में
उतना खलल नहीं पैदा करती
अपेक्षा जितने की
मैं चित्त से लगाए रहता हूँ
खिन्नता की घड़ी में भी संतुष्टि तो है
जैसे भी है जीवन में शांति तो है

बस कुछ चीज़ें सामंजस्य नहीं करती
चाहिए होता है मुझे कुछ और
मगर ज़रूरते साझा नहीं करती
अधीर हो जाऊं मैं उन मामलो पर
ऐसी कोई स्थिति नहीं बनती
मन अशांत ही सही
अधरो पर मौन तो है
असमंजस भले हो विकल्पों में
अपनाने में सादगी तो है
दिखने को जीवन में शांति तो है

क्यूं व्यर्थ का शोर मचा कर
परिवेश में व्याकुलता फैलाना
सहना तो स्वयं ही है
क्यूं सबको भागी बनाना
हलचल भरे इस जीवन को
स्थिरता की भ्रान्ति तो है
हाँ, कहने को जीवन में शांति तो है

 

4 Comments

  1. Monidipa May 3, 2023 at 7:19 am - Reply

    Beautiful as usual

  2. Niveditha Preeth May 18, 2023 at 11:16 am - Reply

    Wonderful poem

  3. Unboxing Perspectives May 18, 2023 at 5:39 pm - Reply

    कटाक्ष महसूस हुआ 😜

    • Towards Literature May 18, 2023 at 5:51 pm - Reply

      अर्थात कविता का भाव पूर्ण हुआ

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