वो कतराती हैं कुछ भी नया अपनाने से
ये सोच कर कि
कहीं आदी ना हो जाये
नयी चीजे, नयी बातें, नया जोग
नये पल, नयी जगह, नए लोग
उसे उतना आकर्षित नहीं करते
जितना पुरानी चीजे, पुरानी बातें,
पुराने पल, पुराने गीत मोहित करते हैं
वो पुराने सपने, पुराने ख्यालो में
पुरानी शैली, पुराने अहसासो में
पुराने ढंग, पुराने रिवाजो से
पली बड़ी
आज की लड़की हैं
उसकी रुचि
आज की रोमांचक, भड़कीली, चंचल,
सौम्य, मृदुल लेकिन अस्थाई व दिखावटी
संगत नहीं;
पुरानी कथाये, लोक गीत
साहित्यक कहानियां, शास्त्रीय संगीत
मनोरम कृत्य, शास्त्रीय नृत्य;
कुछ भी नया न अपनाने से
मगर इनका कोई संबंध नहीं
उसके स्वरूप के ये दो पहलु है
एक अपनी ठौर दूजा किसी ओर
एक स्पष्ट है व खिन्न भी
दूसरे की बात ही कुछ और
वो स्वपन महज देखती नहीं,
उन्हें जीती भी है
जड़ता में विश्वास है उसका
भ्रम की वार्ता
उपहास है उसका
वो सभी पात्रो में पूर्ण है रहती
चाह हो या प्रतिवाद उसका
नयेपन से उसे विद्वेष नहीं
पुरातन से लगाव है उसका
वो व्यर्थ चलन को उपेक्षित कर
प्राचीन रम्यता का अनुसरण करने वाली
आधुनिक लड़की है
Really authentically written. Touching.
Loved your writing style
Pure and Divine
बहुत सुंदर।
मेरे ख्याल में हम दोनो को साथ लेके चलने का सामर्थ रखते है ।।
This was beautiful
Beautiful