“मैं” की धुरी
इस जग की व्याख्या केवल मैं तक ही हैयहाँ कुछ
इस जग की व्याख्या केवल मैं तक ही हैयहाँ कुछ
आपका नाम, "हरि" मेरे चित्त पर इस भांति रच गया है
जिस प्रकार पुष्प की सुगंध रम जाती है एक भौरे
Background Image: Akshit Kalyan अच्छा सुनो! एक बात
in frame: Devyani Chandra Jha एक सपना है
वो कतराती हैं कुछ भी नया अपनाने से ये सोच
pic credit: New Englander तुम दृष्टि डालो मन
बस जीवन को समझने के एक जतन में हूँ
भविष्य का मनन मुझे अच्छा नहीं लगता
मेरे अकथ, अव्यक्त भावो ने